इच्छाओं से प्रेरित, मनुष्य के भीतर हिंसा उसकी चेतना में केवल एक बीमारी के रूप में सीमित नहीं रहती – यह समाज एवं अन्य लोगों को भी प्रभावित करती है। जब मैं हिंसा की बात करता हूं तो यह मत समझिए कि मैं केवल सशस्त्र युद्ध की बात कर रहा हूं, जहां पर कुछ लोग अन्य लोगों को नष्ट कर डालते हैं । वो शारीरिक हिंसा का केवल एक रूप है। एक आर्थिक हिंसा भी होती है । आर्थिक हिंसा वह है जिसमें आप दूसरों का शोषण करते हैं; आर्थिक हिंसा तब होती है जब आप दूसरों से चोरी करते हैं, जब आप दूसरों के साथ भाईचारा ना रखकर एक भक्षी की तरह उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। जातीय हिंसा भी हिंसा का एक रूप है। या क्या आप सोचते हैं कि जब आप किसी अपने से अन्य जाति के व्यक्ति पर अत्याचार करते हैं, तो वह हिंसा नहीं है? क्या आप यह सोचते हैं कि जब आप किसी अपने से भिन्न जाति के व्यक्ति का अहित करते हैं तो वह हिंसा नहीं है? और एक धार्मिक हिंसा भी है जब आप किसी अपने से भिन्न धार्मिक विश्वास के व्यक्ति को काम नहीं देते, उसके लिए द्वार बंद कर लेते हैं, या उसे निकाल बाहर करते हैं, क्या आप यह सोचते हैं कि यह हिंसा नहीं है? जब आप किसी अपने से भिन्न धार्मिक विश्वास के लोगों के खिलाफ घ्रिणा के शब्दों का प्रयोग कर, उनको घेरकर, अपने समाज से उनका बहिष्कार कर देते हैं, उन्हें उनके परिवार में ही अलग-थलग करके, उनके चाहने वालों से भी अलग कर देते हैं, क्या आप यह सोचते हैं कि यह हिंसा नहीं है? कुछ अन्य प्रकार की भी हिंसायें है जो संकुचित नैतिकता द्वारा लादी गई है। आप अपनी जीवनशैली दूसरों पर थोपना चाहते हैं। आप अपने व्यवसाय दूसरों पर थोपना चाहते हैं। लेकिन किसने कहा कि आप अनुकरण करने योग्य उदाहरण हैं? यह आपसे किसने कहा कि आप अपनी पसंदीदा जीवनशैली दूसरों पर थोप सकते हैं? आपकी जीवनशैली में ऐसा कौन सा आदर्श, कौन सा उदाहरण है, कि आपको उसे थोपने का अधिकार मिल गया? तो यह हिंसा का एक और रूप है। केवल आंतरिक विश्वास और गंभीर आंतरिक चिंतन ही आपके एवं दूसरों के अंदर की और आपके आसपास फैली हिंसा को दूर कर सकते हैं। दूसरे सभी रास्ते झूठे हैं और हिंसा से छुटकारा नहीं दिलाते। यह विश्व विनाश के कगार पर है और हिंसा को समाप्त करने का कोई रास्ता नहीं है। झूठे रास्ते मत अपनाओ। ऐसी कोई राजनीति नहीं है जो हिंसा के उस इस उन्माद का हल दे सके। भूमंडल में ऐसा कोई राजनीतिक दल या आंदोलन नहीं है जो इस हिंसा को खत्म कर सके। झूठे रास्ते जो इस हिंसा को खत्म करने की आशा दिखाएं, उन्हें मत अपनाओ… मैंने सुना है कि विश्व भर में हिंसा एवं आंतरिक दुखों से छुटकारा पाने के लिए नौजवान गलत रास्ते अपना रहे हैं। वे इसका निदान नशीली दवाओं में ढूंढ रहे हैं। हिंसा को खत्म करने के लिए झूठे रास्ते मत अपनाओ। मेरे भाइयों व बहनों, सरल नियमों का पालन करो, यह नियम इन पत्थरों, इस बर्फ, और इस सूर्य की तरह सरल है जो हमें आशीर्वाद देता हैं। अपने अंदर शांति रखो और उसे दूसरों में भी बांटो। मेरे भाइयों व बहनों, अगर इतिहास में देखोगे तो ऐसा मानव पाओगे जो यातनाओं का चेहरा दिखाता है। जब उस वेदनामय चेहरे को देखो, यह याद रहे कि आगे बढ़ना जरूरी है, और हंसना सीखना जरूरी है, और प्रेम करना सीखना जरूरी है। मेरे भाइयों व बहनों, मैं तुम्हें यह आशा देता हूं यह आनंद की आशा, यह प्यार की आशा, ताकि तुम अपने ह्रदय का उत्थान कर सको, और अपनी आत्मा का उत्थान कर सको, और ताकि तुम अपने शरीर का उत्थान करना ना भूले।